Wednesday, March 13, 2013

Madhu Bala

      

मधुबाला का जन्म साल 1933 में दिल्ली के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था... मधुबाला का असली नाम मुमताज़ जहां बेगम देहलवी था... और वो अपने 11 भाई बहनों में 5वें नंबर पर थीं... मधुबाला के पिता एक तंबाकू कंपनी में काम करते थे... कंपनी से नौकरी छूट जाने के बाद परिवार की माली हालत काफी खस्ताहाल हो गई... मधुबाला का परिवार मुंबई आ गया... परिवार पर गमों का ऐसा कहर टूटा कि 5 और 6 साल की उम्र के मधुबाला के दो भाइयों का इंतकाल हो गया... क्योंकी उन्हें पैसों की तंगी के चलते इलाज नहीं मिल सका... मधुबाला पर ज़िम्मेदारी काफी छोटी उम्र से आ गई थी... इसी के चलते 9 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में मधुबाला की एंट्री हो गई... मधुबाला की पहली फिल्म थी 1942 में रिलीज़ हुई फिल्म बसंत... इसमें मधुबाला ने उस वक्त की बड़ी स्टार मुमताज़ शांति की बेटी का रोल अदा किया था... इसके बाद मधुबाला ने काफी फिल्मों में बाल कलाकार की भूमिका निभाई... इस दौरान वो देविका रानी के संपर्क में आईं... देविका रानी मधुबाला को देखकर काफी खुश हो जाती थीं... और मुमताज़ जहां बेगम को नाम मिला मधुबाला का... मधुबाला को लीड रोल में ब्रेक मिला फिल्म नीलकमल से... नीलकमल में मधुबाला के साथ राज कपूर ने काम किया था... ये फिल्म ज़्यादा चली तो नहीं लेकिन इस फिल्म ने मधुबाला को इंडस्ट्री में ज़रुर पहचान दिला दी.... लोगों के दिलों में मधुबाला ने जगह बनाई फिल्म महल से ... फिल्म महल का निर्माण बॉम्बे टॉकीज़ ने किया था... जिसमें उनके साथ काम किया था उस वक्त के सुपरस्टार अशोक कुमार ने... महल फिल्म को इसलिये भी याद किया जाता है क्योंकी इस फिल्म के गाने आएगा आने वाला ने लता मंगेशकर को भी इंडस्ट्री में प्रसिद्धि दिलाई... आपको जानकर हैरानी होगी कि इस वक्त मधुबाला की उम्र सिर्फ 16 साल की थी... इसके बाद जैसे मधुबाला के करियर को पंख लग गए... एक के बाद एक सुपरहिट फिल्मों में मधुबाला दिखाई देने लगीं... एक और फिल्म जो कि मील का पत्थर साबित हुई वो थी मुगल-ए-आज़म जिसमें मधुबाला नज़र आईं दिलीप कुमार और पृथ्वीराज कपूर के साथ... दिलीप कुमार और मधुबाला के रिश्ते काफी मधुर थे... दोनों शादी करने वाले थे लेकिन एक छोटी सी कहासुनी ने इस रिश्ते को तोड़ने में देर नहीं लगाई... फिल्म नया दौर में वैजयन्ति माला से पहले मधुबाला लीड रोल कर रही थीं... लोकेशन को लेकर कुछ समय से विवाद हो रहा था कि लोकेशन ग्वालियर के बीहड़ इलाके में रखी जाए या नहीं... मधुबाला अपने पिता को बहुत मानती थीं... पिता के मना कर देने के बाद मधुबाला ने ग्वालियर जाने से इंकार कर दिया... सारी तैयारियां हो चुकीं थीं लिहाज़ा फिल्म का पूरा यूनिट काफी परेशान था... इस बात से नाराज़ होकर बीआर चोपड़ा ने मधुबाला पर केस कर दिया और मधुबाला केस हार गईं... केस हार जाने के बाद मधुबाला के पिता को काफी बातें सुननी पड़ीं जिससे मधुबाला काफी आहत थीं... इस केस के दौरान फिल्म के निर्देशक बीआर चोपड़ा ने दिलीप कुमार से कहा कि वो मधुबाला को राज़ी करने की कोशिश करें... दिलीप साहब ने समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानीं... दिलीप साहब ने कहा कि वो उनसे शादी करें और फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दें... ऐसे में मधुबाला नाराज़ हो गईं... और दिलीप साहब से कहा कि वो केस की वजह से उनके पिता को हुई दिक्कतों के बदले उनसे माफी मांगें... जिसके लिए दिलीप कुमार राज़ी नहीं हुए... और इस किस्से ने दोनों को हमेशा के लिए अलग कर दिया...
                 
मधुबाला के दिल में छेद था जिसका इलाज उस वक्त आसानी से नहीं हो सकता था... मधुबाला काफी वक्त से जानती थीं लेकिन लंबे अरसे तक उन्होंने इंडस्ट्री में इस बात का पता नहीं चलने दिया... वो घर का ही खाना खाती थीं और सिर्फ एक कुएं का ही पानी पीतीं थी... ताकि वो इंफेक्शन से बचीं रहें... लेकिन साल 1969 में 36 साल की उम्र में उनका इंतकाल हो गया...

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