Sunday, March 24, 2013

Mukri




                               
5 जनवरी 1922 को जन्मे मुकरी फिल्म इंडस्ट्री में एक कॉमेडियन के तौर पर जाने जाते हैं। उनका असली नाम मुहम्मद उमर मुकरी था। मुकरी साहब ने 50 साल से ज़्यादा लंबे करियर में 600 से ज़्यादा फिल्मों में अभिनय किया और अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनकी पहली फिल्म थी दिलीप कुमार के साथ प्रतिमा, जो कि बॉम्बे टॉकीज़ के बैनर तले साल 1945 में रिलीज़ हुई थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि मुकरी साहब फिल्मों में आने से पहले काज़ी थे यानि कि वो लोगों की शादियां करवाते थे। दरअसल मुकरी साहब को फिल्मों में दिलीप साहब लाए। युसुफ मतलब दिलीप कुमार और मुकरी साहब स्कूल के ज़माने से एक दूसरे को जानते थे। लिहाज़ा अपने इस अज़ीम दोस्त को युसुफ साहब फिल्मों में ले आये। दिलीप साहब की ज्यादातर पुरानी फिल्मों में मुकरी साहब अपनी अलग छाप छोड़ते नज़र आते हैं। मुहम्मद उमर मुकरी की पत्नी का नाम मुमताज़ था। इनके 2 बेटियां और 3 बेटे हुए। मुकरी के बेटे नसीम मुकरी फिल्मों में लेखक बने। नसीम मुकरी ने फिल्म धड़कन और हां, मैने भी प्यार किया के डॉयलॉग लिखे हैं। मुकरी साहब की बेहतरीन फिल्मों का ज़िक्र करें उनमें फिल्म अमर अकबर एंथोनी’, ‘लावारिस, कोहिनूर’, ‘ पड़ोसनऔर मदर इंडिया जैसी क्लासिक फिल्में शुमार होती हैं। फिल्म शराबी का वो डॉयलॉग कौन भूल सकता है  मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी हों, वरना ना हों... 
                                 
फिल्म इंडस्ट्री का ये जगमगाता दीपक 4 सितंबर 2000 को सदा के लिये बुझ गया।

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