Wednesday, February 13, 2013

First female star 'देविका रानी'

मूक फिल्मों के पर्दे पर उतरने के बाद जैसे लोगों में धीरे धीरे फिल्मों के लिए दीवानगी छा रही थी... साल 1933 में फिल्म कर्मा ने लोगों में काफी सराहना पाई... इस फिल्म से एक अभिनेत्री का फिल्मों में पदार्पण हुआ और वो अभिनेत्री थी देविका रानी... देविका रानी को भारत की पहली महिला अभिनेत्री या महिला स्टार माना जाता है... इसका मुख्य कारण था कि उस वक्त महिलाओं को अभिनय क्षेत्र में पसंद नहीं किया जाता था... लिहाज़ा पर्दे पर महिला किरदार को देखने की ललक ने सिनेमा हॉल में दर्शकों की संख्या बढ़ाने में काफी अहम भूमिका निभाई... और देविका रानी को रातों रात सफलता मिली... हालांकि देविका रानी से पहले फिल्म आलम आरा में ज़ुबैदा ने आलम आरा की भूमिका निभाई थी और उसे काफी सराहा भी गया लेकिन देविका रानी के पदार्पण के बाद लोगों ने उन्हें स्टार की पद्वी पर बैठा दिया...
देविका रानी का जन्म साल 1908 में विशाखापत्तनम में हुआ था... उनका पूरा नाम देविका रानी चौधरी था... देविका रानी संपन्न परिवार से थीं लिहाज़ा पढ़ने के लिए उन्हें लंदन भेजा गया... यहीं पर उनकी मुलाकात हिमांशु ऱाय से हुई... हिमांशु रॉय को भी फिल्मों के निर्माण में खासी दिलचस्पी थी और यही वजह थी कि देविका रानी और हिमांशु रॉय की नज़दीकियां बढ़ने लगी और साल 1929 में दोनों ने शादी कर ली... शादी के बाद साल 1930 में एक फिल्म के निर्माण के सिलसिले में हिमांशु रॉय और देविका रानी जर्मनी गए... और फिल्म निर्माण के सभी गुण सीखने के बाद भारत वापस लौट आए... इसके बाद भारत में ही दोनों ने फिल्मों के निर्माण की शुरुआत की और नींव पड़ी बॉम्बे टॉकीज़ की... फिल्म कर्मा से देविका रानी को प्रसिद्धि मिली... और यहीं से उनके साथ साथ हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री भी सफलता के नए कदम चूमती जा रही थी... साल 1940 में हिमांशु रॉय के निधन के बाद बॉम्बे टॉकीज़ की सारी ज़िम्मेदारी देविका रानी ने संभाली... इसमें अशोक कुमार और अन्य साथियों ने उनकी काफी मदद करने की भी कोशिश की लेकिन आखिरकार साल 1944 में देविका रानी ने सफलता की उम्मीद छोड़ दी और सेतोस्लाव रोरिक नाम के रुसी व्यक्ति से शादी करके बैंगलोर (वर्तमान बैंगलुरु) जाकर बस गईं...

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