सिनेमा का इतिहास इस मामले में काफी रोचक रहा है कि शुरुआती दौर में जब लोग ज़्यादा फिल्मों के बारे में नहीं जानते थे और फिल्म इंडस्ट्री करियर के तौर पर जानी नहीं जाती थी... उस वक्त ज्यादातर लोग अपने परिवार या मित्रों के साथ फिल्मों का निर्माण करते थे... दादा साहेब फाल्के से प्रेरणा पाकर कई लोग फिल्मों के निर्माण में आ गए... जिनमें से एक थे हिमांशु रॉय... हिमांशु रॉय ने स्थापना की बॉम्बे टॉकीज़ की... हिमांशु रॉय ने फिल्में बनाना शुरु तो शशिधर मुखर्जी उनके सहयोगी थे... हिमांशु रॉय का जन्म 1892 में हुआ था... या यूं कहें कि फिल्म इंडस्ट्री और हिमांशु रॉय साथ साथ बड़े हुए... बॉम्बे टॉकीज का जन्म साल 1934 में हुआ लेकिन इससे पहले हिमांशु रॉय ने कई मूक फिल्मों का निर्माण किया था... गॉडेस (1922), लाइट ऑफ एशिया (1925), सिराज (1926) और ए थ्रो ऑफ डाइस (1928) प्रमुख रहीं... इसके बाद साल 1933 में आई फिल्म ‘कर्मा’ जिसमें पहली बार देविका रानी ने फिल्मों में कदम रखा...कर्मा का निर्माण अंग्रेज़ी भाषा में किया गया था... इसका निर्देशन हिमांशु रॉय ने किया था... हिमांशु रॉय और देविका रानी ने इस फिल्म के बाद जवानी की हवा, जीवन नैया, जन्मभूमि और अछूत कन्या में साथ काम किया... अछूत कन्या एक मील का पत्थर साबित हुई... इसी फिल्म ने अशोक कुमार के फिल्मी करियर की शुरुआत की... आपको जानकर ताज्जुब होगा कि अशोक कुमार को फिल्मों में लाने का श्रेय शशिधर मुखर्जी को जाता है... शशिधर मुखर्जी रिश्ते में अशोक कुमार के जीजा थे... साल 1936 में फिल्म आई अछूत कन्या से अशोक कुमार और देविका रानी की हिट जोड़ी मानों दर्शकों के दिलों में घर कर गई... और इस जोड़ी ने एक के बाद एक हिट फिल्मों की झड़ी लगा दी...
साल 1940 में हिमांशु रॉय के निधन के बाद बॉम्बे टॉकीज़ की सारी ज़िम्मेदारी देविका रानी ने संभाली... इसमें अशोक कुमार और अन्य साथियों ने उनकी काफी मदद करने की भी कोशिश की लेकिन आखिरकार साल 1944 में देविका रानी ने उम्मीद छोड़ दी और सेतोस्लाव रोरिक से शादी करके बैंगलोर (वर्तमान बैंगलुरु) जाकर बस गईं... देविका रानी का बॉम्बे टॉकीज़ से नाता तोड़ने के बाद इसे फिल्मिस्तान के नाम से इस्तेमाल किया जाने लगा... साल 1949 में इसी प्रोडक्शन की आखिरी फिल्म ‘महल’ से दो बड़े कलाकारों ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की और वो दोनों थे अभिनेत्री मधुबाला और भारत कोकिला लता मंगेशकर... फिल्म इंडस्ट्री में दोनों के ही योगदान से हम सभी अच्छी तरह से वाकिफ हैं...
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